इस जगतमें अगर संत-महात्मा नहीं होते, तो मैं समझता हूँ कि बिलकुल अन्धेरा रहता अन्धेरा(अज्ञान)। श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजीमहाराज की वाणी (06- "Bhakt aur Bhagwan-1" नामक प्रवचन) से...
पेज
▼
पुराने-प्रवचन('श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज')-समूह। लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
पुराने-प्रवचन('श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज')-समूह। लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं