इस जगतमें अगर संत-महात्मा नहीं होते, तो मैं समझता हूँ कि बिलकुल अन्धेरा रहता अन्धेरा(अज्ञान)। श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजीमहाराज की वाणी (06- "Bhakt aur Bhagwan-1" नामक प्रवचन) से...
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बुधवार, 31 जुलाई 2013
'कल्याण के तीन सुगम मार्ग'(पुस्तक-व्याख्या)- परम श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज, बीकानेर २००१(2001)दिनांक-२९/१/२००१ से ८/२/२००१ तकके प्रवचन)|
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