इस जगतमें अगर संत-महात्मा नहीं होते, तो मैं समझता हूँ कि बिलकुल अन्धेरा रहता अन्धेरा(अज्ञान)। श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजीमहाराज की वाणी (06- "Bhakt aur Bhagwan-1" नामक प्रवचन) से...
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गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017
किसी को भी दु:ख न दें(-श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज)।
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