।।श्री हरिः।।
महापुरुषोंके सत्संग की बातें
('श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज' के
सत्संग की कुछ बातें)।। ।। संक्षिप्त।। ●●>■<●● ।। पंचामृत ।। (भावार्थ-)
१. हम (जैसे भी हैं) भगवान् के हैं।
२. हम भगवान् के दरबार (घर) में रहते हैं।
३. हम भगवान् का काम (कर्तव्य-कर्म) करते हैं।
४. हम भगवान् का प्रसाद (शुद्ध सात्त्विक- भोजन) पाते हैं।
५. हम भगवान् के दिये प्रसाद (तनखाह आदि) से
भगवान् के जनों (कुटुम्बियों) की सेवा करते हैं।
- श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज
के 07 अगस्त 1982, (08:18 बजे) वाले प्रवचन से।
संग्रहकर्ता और लेखक -
संत डुँगरदास राम
पुस्तक यहाँ से प्राप्त करें-
https://drive.google.com/file/d/1kog1SsId19Km2OF6vK39gc4HJXVu7zXZ/view?usp=drivesdk