शनिवार, 21 नवंबर 2015

आज हम भगवानके हो गये। श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज।

                     ।।श्रीहरि।।

आज हम भगवानके हो गये।

-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज।

बालक जैसे माँ से दूर होना नहीं चाहता,ऐसे हम भगवानसे दूर होना न चाहें-इतनी बात हमारी चाहिये।हम उनसे दूर होना न चाहें।उनको याद करेंगे,उनका नाम लेंगे,भगवानके बिना हमारा मन नहीं लगेगा।

जैसे लड़की ससुरालकी हो जाती है और निरन्तर ससुरालकी ही रहती है,कोई अन्तर नहीं पड़ता,ऐसे हम निरन्तर भगवानके रहें।

(अगर हम सच्चे हृदयसे भगवानके हो जायेंगे तो लड़की और बालककी तरह भगवान हमारेको निरन्तर याद रहेंगे)।

ऐसी बातें जाननेके लिये श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजका

30/08/1994.518 बजेवाला प्रवचन सुनें।

http://dungrdasram.blogspot.com/

शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

गौ-हत्या रोकनेके लिये साधू सन्तोसे प्रार्थना।(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)।

                       ॥श्रीहरि:॥

गौ-हत्या रोकनेके लिये साधू-सन्तोसे प्रार्थना।

(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)।

सभी साधु-संतों से मेरी प्रार्थना है कि अभी गायों की हत्या जिस निर्ममता से हो रही है, वैसी तो अंग्रेजों व मुसलमानों के साम्राज्य में भी नहीं होती थी । अब हम सभी को मिलकर इसे रोकने का पूर्ण रुप से प्रयास करना चाहिये । इस कार्य को करने का अभी अवसर है और इसका होना भी सम्भव है । गाय के महत्व को आप लोगों को क्या बतायें, क्योंकि आप तो स्वयं दूसरों को बताने में समर्थ हैं । यदि प्रत्येक महन्तजी व मण्डलेश्वरजी चाहें तो हजारों आदमियों को गोरक्षा के कार्य हेतु प्रेरित कर सकते हैं । 

आप सभी मिलकर सरकार के समक्ष प्रदर्शन कर शीघ्र ही गोवंश के वध को पूरे देश में रोकने का कानून बनवा सकते हैं । 

यदि साधु समाज इस पुनीत कार्यको हिन्दू-धर्म की रक्षा हेतु शीघ्र कर लें तो यह विश्वमात्र के लिये बड़ा कल्याणकारी होगा ।

अभी चुनाव का समय भी नजदीक है । इस मौकेपर आप सभी एकमत होकर यह प्रस्ताव पारित कर प्रदर्शन व विचार करें कि हर भारतीय इस बार अन्य मुद्दों को दरकिनार कर केवल उसी नेता या दल को अपना मत दे जो गोवंश-वध अविलम्ब रोकने का लिखित वायदा करे तथा आश्वस्त करे कि सत्ता में आते ही वे स्वयं एवं उनका दल सबसे पहला कार्य समूचे देश में गोवंश-वध बंद कराने का करेगा।

देशी नस्ल की विशेष उपकारी गायों के वशं तक के नष्ट होने की स्थिति पैदा हो रही है, ऐसी स्थिति में यदि समय रहते चेत नहीं किया गया तो अपने और अपने देशवासियों की क्या दुर्दशा होगी ? इसका अन्दाजा मुश्किल है ।

आप इस बातपर विचार करें कि वर्तमान में जो स्थिति गायों की अवहेलना करनेसे उत्पन्न हो रही है, उसके कितने भयंकर दुष्परिणाम होंगे।

अगर स्वतन्त्र भारत में गायों की हत्या-जैसा जघन्य अपराध भी नहीं रोका जा सकता तो यह कितने आश्चर्य और दु:ख का विषय होगा । आप सभी भगवान्‌ को याद करके इस सत्कार्य में लग जावें कि हमें तो सर्वप्रथम गोहत्या बन्द करवानी है, जिससे सभी का मंगल होगा । इससे बढ़कर धर्म-प्रचार का और क्या पुण्य-कार्य हो सकता है ।

पुन: सभी से मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप सभी शीघ्र ही इस उचित समय में गायों की हत्या रोकने का एक जनजागरण अभियान चलाते हुए सभी गोभक्तों व राष्ट्रभक्तों को जोड़कर सरकार को बाध्य करके बता देवें कि अब तो गोहत्या बन्द करने के अतिरिक्त सत्ता में आरुढ़ होने का कोई दूसरा उपाय नहीं है । साथ ही यह भी स्पष्ट कर दें कि जनता-जनार्दन ने देश में गोहत्या बंद कराने का दृढ़ संकल्प ले लिया है ।

गाय के दर्शन, स्पर्श, छाया, हुँकार व सेवा से कल्याण, सुखद-अनुभव, सद्‌भाव एवं अन्त:करण की पवित्रता प्राप्त होती है । गाय के घी, दूध, दही, मक्खन व छाछ से शरीर की पुष्टि होती है व निरोगता आती है । गोमूत्र व गोबरसे पञ्चगव्य और विविध औषधियाँ बनाकर काम में लेने से अन्न,फल व साग-सब्जियों को रासायनिक विष से बचाया जा सकता है । गायों के खुरसे उड़नेवाली रज भी पवित्र होती है;जिसे गोधूलि-वेला कहते हैं, उसमें विवाह आदि शुभकार्य उचित माना जाता है । जन्म से लेकर अन्तकालतक के सभी धार्मिक संस्कारों में पवित्रताहेतु गोमूत्र व गोबर का बड़ा महत्व है ।

गाय की महिमा तो आप और हम जितनी बतायें उतनी ही थोड़ी है, आश्चर्य तो यह है सब कुछ जानते हुए भी गायों की रक्षा में हमारे द्वारा विलम्ब क्यों हो रहा है ? गायकी रक्षा करने से भौतिक विकासके साथ-साथ आर्थिक, व्यावहारिक, सामाजिक, नैतिक,सांस्कृतिक एवं अनेकों प्रकार के विकास सम्भव हैं, लेकिन गाय की हत्या से विनाश के सिवाय कुछ भी नहीं दिखता है । अतः अब भी यदि हम जागें तो गोहत्या को सभी प्रकार से रोककर मानव को होनेवाले विनाश से बचा सकते हैं । गो-सेवा, रक्षा,संवर्धन तथा गोचर भूमि की रक्षा करने से पूरे संसार का विकास सम्भव है । आज गोवध करके गोमांस के निर्यात से जो धन प्राप्त होता है उससे बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है । इसलिये ऐसे गोहत्या से प्राप्त पापमय धन के उपयोग से कथित विकास ही विनाशकारी हो रहा है । यह बहुत ही गम्भीर चिन्ता का विषय है ।

अन्त में सभी साधु समाज से मेरी विनम्र प्रार्थना है कि अब शीघ्र ही आप सभी और जनता मिलकर गोहत्या बन्द कराने का दृढ़ संकल्प लेने की कृपा करें तो हमारा व आपका तथा विश्वमात्र का कल्याण सुनिश्चित है । इसी में धर्म की वास्तविक रक्षा है और धर्म-रक्षा में ही हम सबकी रक्षा है।

प्रार्थी
स्वामी रामसुखदास

(‘कल्याण’ वर्ष-७८, अंक ४)

(फेसबुक पर प्रकाशित Prem Kumar Azad की पोस्टसे साभार)

------------------------------------------------------------------------------------------------
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें। http://dungrdasram.blogspot.com/

मंगलवार, 17 नवंबर 2015

श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संग की बातें(उनके ही श्रीमुखके भाव) यहाँ-इस ठिकानेपर पढें।

                        ॥श्रीहरि:॥

श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संग की  बातें(उनके ही श्रीमुखके भाव) यहाँ-इस ठिकानेपर पढें-

@महापुरुषों के सत्संग की बातें @ ('श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज' के श्रीमुखके भाव)। -
http://dungrdasram.blogspot.in/p/blog-page_94.html?m=1

सोमवार, 16 नवंबर 2015

कृपया 'ज्ञानगोष्ठी' वाले सदस्यगण इधर ध्यान दें।

                     ॥ श्रीहरि:॥

कृपया ज्ञानगोष्ठी वाले सदस्यगण इधर ध्यान दें।

इस समूहमें कई आदरणीय,पूज्य संत-महात्मा हैं।कई आदरणीय  साधक,सत्संगी हैं।कई बड़े और कई छोटे भी हैं।कई शुरुआती और कई पुराने भी हैं।

(ये नियम इस एक नम्बरवाली ज्ञानगोष्ठीके लिये ही लागू हैं दूसरे नम्बरवालीके लिये नहीं)।

१.कई मैसेज एक साथ न भेजें।

२.लम्बे मैसेज न भेजें।

(अनावश्यक लम्बे पाठवाली सामग्री भेजकर लोगोंके मनमें विक्षेप न करें।यह कई लोगोंको बुरा लगता है)।

३. जो सामग्री ज्ञानगोष्ठीमें भेजी जा चूकी हो,कृपया उसे बार-बार न भेजें।

४.फालतू सामग्री न भेजें।

(हमारा प्रयास यह रहना चाहिये कि अपनी समझमें अच्छीसे अच्छी सामग्री भेजें)।

५.मनगढंत,कल्पित,असत्य सामग्री न भेजें।

६.कृपया ज्ञानगोष्ठीमें बिना पते-ठिकानेवाली बातें न भेजें,बिना प्रमाणकी निराधार सामग्री न भेजें।

(अमुक बात कहाँसे लिखी गई? अगर इसका उत्तर यह होता है कि पता नहीं,तो यह अज्ञानकी बात है।अज्ञानमें भी यही होता है कि पता नहीं।इसलिये अज्ञानकी बातें ज्ञानगोष्ठीमें न भेजें)।

७. सामग्री वही भेजें जो आवश्यक हो और जिससे लोगोंको प्रसन्नता हो,ज्ञान हो।

८. जिस सामग्रीमें कसम दिलायी गयी हो,वो सामग्री न भेजें।

९.इस बातका ध्यान रखें कि कई मैसेज एक साथ मिलाकर न भेजें।

१०.सकाम भाववाली सामग्री न भेजें।
विज्ञापनवाली सामग्री न भेजें।

११.एक-एक मैसेजका पता लिखा हुआ होना चाहिये कि यह अमुक महात्माकी वाणीसे लिया गया है अथवा यह अमुक पुस्तकसे लिया गया है आदि।

१२.एक नम्बरकी सामग्री वही है,जो श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज और सेठजी श्री जयदयालजी गोयन्दकाके सत्संगकी हो या उससे सम्बन्धित हो।


--------------------------------------------------------------------

पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
http://dungrdasram.blogspot.com/

मंगलवार, 3 नवंबर 2015

कुछ लेखों और प्रवचनोंके पते-ठिकाने-(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी सत्संग-सामग्री)।

                      ॥श्रीहरि:॥

कुछ लेखों और प्रवचनोंके पते-ठिकाने-

(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी सत्संग-सामग्री)।

@सत्संग-संतवाणी@                            

सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें। http://dungrdasram.blogspot.com/

@महापुरुषों के सत्संग की बातें @ ('श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज' के श्रीमुखके भाव)। -
http://dungrdasram.blogspot.in/p/blog-page_94.html?m=1

@सत्संग-संतवाणी@                      

महापुरुषोंके नामका,कामका और वाणीका प्रचार करें तथा उनका दुरुपयोग न करें , रहस्य समझनेके लिये यह लेख पढें - 
http://dungrdasram.blogspot.com/2014/01/blog-post_17.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पहले गीता-पाठका पता-स्वर(-आवाज)-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज |
http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_15.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

दूसरी प्रकारके गीता-पाठका पता-स्वर(-आवाज)-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज |
http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_17.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

गीता-व्याख्या।व्याख्याता-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी  महाराज। http://dungrdasram.blogspot.com/2013/08/blog-post_14.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

गीता-माधुर्य(की रिकोर्डिंगका पता-)[लेखक और स्वर (बोलनेवाले)-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज]। http://dungrdasram.blogspot.com/2013/08/blog-post_7302.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पता-नानीबाईका माहेरा (गायक- श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)| http://dungrdasram.blogspot.com/2013/08/blog-post_28.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पुराने-प्रवचन शतक('श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज')। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_53.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

प्रवचनोंकी तारीखें लिखनेका क्रम समझलें।(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके 'प्रवचन-समूह'के दिनांक समझलें)। http://dungrdasram.blogspot.com/2015/01/blog-post_16.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पुराने-प्रवचन-परम श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज के दुर्लभ (छूटे हुए) प्रवचन http://dungrdasram.blogspot.com/2013/09/blog-post_3586.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पाँच श्लोक-पाठ और आवाज|(-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)|   http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_23.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पाँच श्लोक और उनका पाठ करवानेका कारण-एक बार श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज… http://dungrdasram.blogspot.com/2013/08/blog-post_7043.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

विशेष-प्रवचन-'श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज'। http://dungrdasram.blogspot.com/2013/10/blog-post.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पता-'कल्याणके तीन सुगम मार्ग'(पुस्तक- व्याख्या)
लेखक और बोलनेवाले -व्याख्या करनेवाले-
परम श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज, बीकानेर २००१(2001)l (दिनांक-२००१०१२९ से २००१०२०८तकके प्रवचन)|| http://dungrdasram.blogspot.com/2014/01/2001l.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

हरिःशरणम्(संकीर्तन-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी आवाजमें)! http://dungrdasram.blogspot.com/2013/10/blog-post_383.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

१.नित्य-स्तुति,गीता,सत्संग(-श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराजका इकहत्तर दिनोंका सत्संग-प्रवचन सेट) ।।  http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_8.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

अन्तिम प्रवचन-(ब्रह्मलीन श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके आषाढ़ कृष्ण द्वादशी, विक्रम सम्वत-२०६२, तदनुसार ३ जुलाई, २००५ को परमधाम पधारनेके पूर्व दिनांक २९-३० जून, २००५ को गीताभवन, स्वर्गाश्रम(हृषीकेश)में दिये गये अन्तिम प्रवचन) । http://dungrdasram.blogspot.com/2014/07/blog-post_27.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पता-(सत्संग संतवाणीका)… http://dungrdasram.blogspot.com/2014/07/blog-post_97.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

सत्संग-स्वामी रामसुखदासजी महाराज।(के सत्संगके पते-ठिकाने आदि)। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_37.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

१-गीता 'साधक-संजीवनी'(लेखक-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज) समझकर-समझकर पढनेसे अत्यन्त लाभ |  http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

गीता "साधक-संजीवनी परिशिष्ट"।लेखक-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज'। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_86.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

'गीता-दर्पण'(लेखक-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज), जो गीताजीका एक अद्वितीय शोधपूर्ण ग्रंथ है,उसको जरूर पढना चाहिये |  http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_6.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

मुख्य-बातें (श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज

की मुख्य बातें )। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/04/blog-post_979.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

'साधक-संजीवनी' की विषयसूची (लेखक- श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)। http://dungrdasram.blogspot.com/2015/09/blog-post_87.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पता-(★-: मेरे विचार :-★श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/07/blog-post_0.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

आवश्यक चेतावनी-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज।  http://dungrdasram.blogspot.com/2014/07/blog-post_13.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

गुरु कैसा हो?-"साधक-संजीवनी"(लेखक-श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराज) १३।७ से। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/08/blog-post.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

पता-(चतुर्दश मन्त्रका) http://dungrdasram.blogspot.com/2014/07/blog-post_26.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

सच्ची और पक्की बात http://dungrdasram.blogspot.com/2014/05/httpswww.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

अपनी फोटोका निषेध क्यों है?(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज अपनी फोटोका निषेध करते थे)। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/11/book-google-httpsgroups.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

प्रभुसे प्रार्थना।(लेखक-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)। http://dungrdasram.blogspot.com/2015/02/blog-post_8.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

महापुरुषोंके नामका,कामका और वाणीका प्रचार करें तथा उनका दुरुपयोग न करें , रहस्य समझनेके लिये यह लेख पढें -  http://dungrdasram.blogspot.com/2014/01/blog-post_17.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

सात बार सीता और कुन्तीमाताका नित्यप्रति नाम लेनेसे कन्याएँ श्रेष्ठ बन जातीहै। http://dungrdasram.blogspot.com/2015/07/blog-post_12.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

क्या सुहागन स्त्रियोंको व्रत-उपवास नहीं करने चाहिये? http://dungrdasram.blogspot.com/2015/07/blog-post_11.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

सूवा-सूतकमें भगवानकी पूजा करें अथवा नहीं?

श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजने बताया है कि करें (बिना प्राण-प्रतिष्ठावाली मूर्तिकी करें)। http://dungrdasram.blogspot.com/2015/08/blog-post_17.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

वोट किसको दें?
सन् 1993 में 3 अक्टूबर रात्रि 8 बजे 'श्रध्देय स्वामीजी रामसुखदासजी महाराज'ने जोधपुरमें बड़े जोरसे कहा है कि जो गऊओंकी रक्षा करे,राममन्दिर और हिन्दुओंके हितका वादा करे;
वोट उसीको दें।
वो प्रवचन सुननेके लिये इस पते(लिंक) पर जायें-

https://www.dropbox.com/sh/mxhiwiqx131rz5m/A60wDKHQc- http://dungrdasram.blogspot.com/2014/04/1993-3-8.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

स्मार्त जन्माष्टमी आदि और वैष्णव जन्माष्टमी,एकादशी आदि  क्या होती है? http://dungrdasram.blogspot.com/2014/08/blog-post_21.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

लहसुन,प्याज और गाजरका निषेध क्यों है? http://dungrdasram.blogspot.com/2014/10/blog-post_5.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

संत-वाणीकी रक्षा करें-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी शीघ्र कल्याणकारी वाणीको सुरक्षित करें,उनमें कोई काँट-छाँट न करें,सेट पूरा रहने दें,अधूरा न करें। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_72.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

संत-वाणी यथावत रहने दें,संशोधन न करें|('श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज'की वाणी और लेख यथावत रहने दें,संशोधन न करें)। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_30.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

'परम श्रध्देय सेठजी श्री जयदयालजी गोयन्दका' और 'श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज' का मिलन। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/11/blog-post_68.html

@सत्संग-संतवाणी@                      

१.गीताजी कण्ठस्थ,याद करनेका उपाय। http://dungrdasram.blogspot.com/2014/12/blog-post_10.html

सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें। http://dungrdasram.blogspot.com/

सत्संग-स्वामी रामसुखदासजी महाराज(के सत्संगके पते-ठिकाने आदि)।

                    ।।श्री हरि:।।

सत्संग-स्वामी रामसुखदासजी महाराज

(के सत्संगके पते-ठिकाने आदि)।

श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी  महाराजका सत्संग ( SATSANG GITA AADI -S.S.S.RAMSUKHDASJI MAHARAJ ) और गीता-पाठ, गीता-गान(सामूहिक आवृत्ति,साफ आवाज वाली  रिकार्डिंग ), गीता-माधुर्य(उन्हीकी आवाजमें), गीता-व्याख्या(करीब पैंतीस कैसेटोंका सेट), 'कल्याणके तीन सुगम मार्ग'[नामक पुस्तककी उन्हीके द्वारा व्याख्या], नानीबाईका माहेरा, भजन, कीर्तन, पाँच श्लोक(गीता ४/६-१०), तथा नित्य-स्तुति, गीता, सत्संग(-श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराजके 71 दिनोंका सत्संग-प्रवचनोंका सेट), मानसमें नाम-वन्दना, राम-कथामें सत्संग आदि तथा इनके सिवाय और भी सामग्री आप यहाँ(के इन पते-ठिकानों ) से मुफ्तमें-निशुल्क प्राप्त करें-

(1-) http://db.tt/v4XtLpAr

(2-) http://www.swamiramsukhdasji.org

(3-) http://goo.gl/28CUxw

नोट-

यहाँ पर श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी पढने योग्य साधक-संजीवनी, साधन-सुधा-सिन्धु, गीता-दर्पण आदि करीब तीस पुस्तकें भी नि:शुल्क उपलब्ध है|

-------------—-----------------------------------------------------------------------------

पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजका साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें। http://dungrdasram.blogspot.com/

पता-२ का

                       ॥श्रीहरि:॥

१-
@महापुरुषों के सत्संग की बातें @ ('श्रध्देयश्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज' के श्रीमुखके भाव)। -
http://dungrdasram.blogspot.in/p/blog-page_94.html?m=1

२-
महापुरुषोंके नामका,कामका और वाणीका प्रचार करें तथा उनका दुरुपयोग न करें , रहस्य समझनेके लिये यह लेख पढें - -
http://dungrdasram.blogspot.in/2014/01/blog-post_17.html?m=1

रविवार, 1 नवंबर 2015

पता- श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संग की बातें(उनके ही श्रीमुखके भाव) यहाँ-इस ठिकानेपर पढें- https://dungrdasram.blogspot.com/2017/08/blog-post.html

                           ॥श्रीहरि:॥

१.

पता (-ठिकाना)-

श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संग की बातें(उनके ही श्रीमुखके भाव) यहाँ-इस ठिकाने पर पढें-

@महापुरुषों के सत्संग की बातें @ ('श्रद्धेय  स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज' के श्रीमुखके भाव)। -
https://dungrdasram.blogspot.com/2017/08/blog-post.html

२.

पता-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज के सत्संग की  बातें(उनके ही श्रीमुखके भाव) यहाँ-इस ठिकानेपर पढें-

https://dungrdasram.blogspot.com/2017/08/blog-post.html