कृपया 'ज्ञानगोष्ठी' वाले सदस्यगण इधर ध्यान दें। लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
कृपया 'ज्ञानगोष्ठी' वाले सदस्यगण इधर ध्यान दें। लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 16 नवंबर 2015

कृपया 'ज्ञानगोष्ठी' वाले सदस्यगण इधर ध्यान दें।

                     ॥ श्रीहरि:॥

कृपया ज्ञानगोष्ठी वाले सदस्यगण इधर ध्यान दें।

इस समूहमें कई आदरणीय,पूज्य संत-महात्मा हैं।कई आदरणीय  साधक,सत्संगी हैं।कई बड़े और कई छोटे भी हैं।कई शुरुआती और कई पुराने भी हैं।

(ये नियम इस एक नम्बरवाली ज्ञानगोष्ठीके लिये ही लागू हैं दूसरे नम्बरवालीके लिये नहीं)।

१.कई मैसेज एक साथ न भेजें।

२.लम्बे मैसेज न भेजें।

(अनावश्यक लम्बे पाठवाली सामग्री भेजकर लोगोंके मनमें विक्षेप न करें।यह कई लोगोंको बुरा लगता है)।

३. जो सामग्री ज्ञानगोष्ठीमें भेजी जा चूकी हो,कृपया उसे बार-बार न भेजें।

४.फालतू सामग्री न भेजें।

(हमारा प्रयास यह रहना चाहिये कि अपनी समझमें अच्छीसे अच्छी सामग्री भेजें)।

५.मनगढंत,कल्पित,असत्य सामग्री न भेजें।

६.कृपया ज्ञानगोष्ठीमें बिना पते-ठिकानेवाली बातें न भेजें,बिना प्रमाणकी निराधार सामग्री न भेजें।

(अमुक बात कहाँसे लिखी गई? अगर इसका उत्तर यह होता है कि पता नहीं,तो यह अज्ञानकी बात है।अज्ञानमें भी यही होता है कि पता नहीं।इसलिये अज्ञानकी बातें ज्ञानगोष्ठीमें न भेजें)।

७. सामग्री वही भेजें जो आवश्यक हो और जिससे लोगोंको प्रसन्नता हो,ज्ञान हो।

८. जिस सामग्रीमें कसम दिलायी गयी हो,वो सामग्री न भेजें।

९.इस बातका ध्यान रखें कि कई मैसेज एक साथ मिलाकर न भेजें।

१०.सकाम भाववाली सामग्री न भेजें।
विज्ञापनवाली सामग्री न भेजें।

११.एक-एक मैसेजका पता लिखा हुआ होना चाहिये कि यह अमुक महात्माकी वाणीसे लिया गया है अथवा यह अमुक पुस्तकसे लिया गया है आदि।

१२.एक नम्बरकी सामग्री वही है,जो श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज और सेठजी श्री जयदयालजी गोयन्दकाके सत्संगकी हो या उससे सम्बन्धित हो।


--------------------------------------------------------------------

पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
http://dungrdasram.blogspot.com/