गुरुवार, 23 जनवरी 2020

श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज की सत्संग-सामग्री ( 16 GB मेमोरी कार्ड में) ।


                      ॥ श्रीहरिः ॥


 श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज
                            की
                      सत्संग-सामग्री
               ( 16 GB मेमोरी-कार्ड में )।


श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज की सत्संग- सामग्री हर किसी को सुगमतापूर्वक प्राप्त हो और यन्त्र के द्वारा हर कोई सुगमतापूर्वक सुन सके- इसके लिये एक 16 जी.बी. वाला मेमोरी-कार्ड बनाया गया है।

इस मेमोरी-कार्ड में श्रीस्वामीजी महाराजके विशेष प्रवचन, नित्य-स्तुति गीता-पाठ सत्संग (इकहत्तर दिनों वाला), ग्यारह चातुर्मासों के प्रवचन (तारीख और विषय सहित ), भजन, कीर्तन, गीता-पाठ, गीता-व्याख्या, गीता-माधुर्य, कल्याणके तीन सुगम-मार्ग, मानसमें नाम वन्दना, नरसीजीका माहेरा, सत्संग की बातें, अनेक प्रश्नोत्तर आदि महत्वपूर्ण सत्संग- सामग्री भरी गई है।

अपना कल्याण चाहने वाले हरेक भाई-बहनों को इससे लाभ लेना चाहिये और दूसरोंको भी बताना चाहिये तथा "श्रीस्वामीजी महाराज की यथावत्- वाणी" (नामवाली) पुस्तक पढ़नी चाहिये।

इस सत्संग-सामग्री की क्रमसंख्या इस प्रकार है-
क्रमांक-
----- 01 से नित्य-स्तुति,गीतापाठ,हरिःशरणम्,सत्संग(71दिनोंका)। ,,72 से सन् १९९०, बीकानेर- चातुर्मास के 183 प्रवचन।
,,255 से सन् १९९१, जयपुर- चातुर्मास के 169 प्रवचन।
,,424 से सन् १९९२- मथानिया- चातुर्मास के 129 प्रवचन।
,,553 से सन् १९९३, बीकानेर- चातुर्मास के 221 प्रवचन।
,, 774 से सन् १९९४, बीकानेर- चातुर्मास के 127 प्रवचन ॥
,, 901 से सन् १९९५, जयपुर- चातुर्मास के 147 प्रवचन।
,,1048 से सन् १९९६, भीनासर- चातुर्मास के 151 प्रवचन।
,, l199 से सन् १९९७, सीकर- चातुर्मास के 166 प्रवचन।
,, 1365 से सन् १९९८, जोधपुर- चातुर्मास के 146 प्रवचन॥
,,1511 से सन् १९९९, नोखा- चातुर्मास के 180 प्रवचन।
,,1691 से सन् २०००, रतनगढ़- चातुर्मास के 178 प्रवचन।

,,1869 से अन्य प्रवचन {"श्रीस्वामीजी महाराज की यथावत्- वाणी" (नामवाली) पुस्तकमें यथावत् लिखे हुए 4 प्रवचन}

,,1873 से भजन (संग्रहीत 40 भजन)
,, 1913 से मायरा (नरसीजीके माहेरे के 48 विभाग)
,,1961 से गीताजी के पाँच श्लोक (2 प्रकार के)
,, 1963 से संकीर्तन (21 प्रकार में)
,,1984 से चुनी कैसेटें (नं० 01 से 97 तक )
,,2081 से गीता-पाठ (नं० 01 से 19)
,,2100 से श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् (नं० 01) ।
,,2101 से गीता सीखो (नं० 01 से 21)
,,2122 से गीता-व्याख्या (नं० 01 से 124)।
,,2246 से गीता-माधुर्य (पुस्तक- पठन नं० 01 से 18 )।
,,2264 से कल्याणके तीन सुगम-मार्ग (पुस्तक- व्याख्या नं० 01 से 11)।
,,2275 से मानसमें नाम-वन्दना (पुस्तक- प्रवचन 01 से 08)
,,2283 से विशेष-प्रवचन (नं० 01 से 71)।
,, 2354 से प्रश्नोत्तर और चुनी बातें तथा खास- प्रवचन (नं. 01 से 937)
,, 3290 (-मेमोरी-कार्ड में सत्संग-सामग्री की संख्या 1- 3290 है)

इस सत्संग-सामग्री में दिये गये क्रमांक (संख्या ), नम्बरों के अनुसार अपने मनचाहा सत्संग तुरन्त सुना जा सकता है।

नित्य-स्तुति गीता-पाठ सत्संग आदि और ग्यारह चातुमर्मासों के एक-एक प्रवचनों की विषय-सूची "श्रीस्वामीजी महाराज की यथावत्- वाणी" (नामवाली ) पुस्तक में लिखी हुई है (तारीख और विषय सहित, अंग्रेज़ी तथा हिंदी में भी)।

(ऊपर लिखी गयी सत्संग-सामग्री वाली मेमोरी कार्ड लेनेवाले को यह पुस्तक मुफ्त में दी जाती है और अलग से भी मिलती है।)

तथा इस 16 जी.बी. वाली मेमोरी-कार्ड में ये पुस्तकें ( PDF में) भी है-
"महापुरुषों के सत्संग की बातें", "श्रीस्वामीजी महाराज की यथावत्- वाणी" और "गीता साधक- संजीवनी"।

मिलने का पता-
(इंटरनेट पर) bit.ly/1satsang और bit.ly/1casett
गुलाबसिंहजी आदि +917014431915,
+919413647174, +919460239129,
+919166275174, +919414722389












मंगलवार, 21 जनवरी 2020

सम्पूर्ण गीतापाठ- श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज ।

 ●सम्पूर्ण गीतापाठ- श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज ●
■ ( साफ आवाज़ में )।■    
  
   ।। श्रीहरिः ।।


सम्पूर्ण गीतापाठ- श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज ( साफ आवाज़ में)।

श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी आवाजमें दो प्रकारके
रिकोर्ड किये हुए गीता-पाठ उपलब्ध है। 




पहले गीता-पाठमें आगे श्री स्वामीजी
महाराज बोलते हैं और पीछे दूसरे लोग दोहराते हैं। (पता- https://drive.google.com/folderview?id=1EYTZPO4JUG2mr2rX-UJsDIVQmX1qqBdP  )

दूसरे प्रकारके गीता-पाठमें सिर्फ श्री स्वामीजी महाराज बोलते(पाठ करते) हैं।

यहाँ, यह दूसरी प्रकार वाला गीता पाठ है। कई दिनों से लोगों के मन में थी कि यह गीता-पाठ साफ आवाज़ में हो।

भगवत्कृपा से अब ऐसा संयोग बन गया और इसका कुुछ कार्य हो गया , अब आवाज़ पहले की अपेक्षा अधिक साफ़ हो गयी । 

एक सज्जन ने बताया था कि (किसी) एक संत ने श्री स्वामी जी महाराज के इस गीता- पाठ को सिंगापुर (विदेेश) भेजकर आवाज़ साफ करवायी है । तब हमने उनसे वो गीतापाठ  माँगा और उन्होंने वो उपलब्ध भी करवा दिया। उस गीतापाठ को परिष्कृत करके पहले से और अधिक उपयोगी बना दिया गया है । इसमें गीताजी के अङ्गन्यास आदि, आरती और गीतामाहात्म्य भी है। तथा श्री स्वामीजी महाराज के द्वारा किया हुआ श्री विष्णुसहस्रनाम स्तोत्रम् भी है। 

 वो इस पते पर उपलब्ध है- bit.ly/SampoornaGitapathSRAMSUKHDASJIM

अर्थात् श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज ।

इस प्रकार श्री स्वामी जी महाराज की आवाज़ में दो प्रकार के पाठ तो पहले से ही थे, अब यह तीसरी प्रकार का पाठ हो गया । इस पाठ के माहात्म्य, आरती और अङ्गन्यास आदि सहित सम्पूर्ण अठारहों अध्याय एक ही फाइल में, एक- साथ उपलब्ध है तथा ये अलग- अलग , न्यारे- न्यारे भी उपलब्ध है ।

[इसके आवाज की गति को बढ़ाकर, चौथे प्रकार का एक गीतापाठ और बनाया गया है। यह सम्पूर्ण गीतापाठ लगभग सवा दो घंटे में ही पूरा हो जाता है। कई लोगों के मन में थी कि कम समय में श्री स्वामीजी महाराज द्वारा किया हुआ गीताजी का पूरा पाठ हो। भगवत्कृपा से अब यह पाठ भी तैयार हो गया है। जो लोग थोङे समय में ही गीताजी के अठारह-अध्यायों का पूरा पाठ करना चाहते हैं, उनके लिये श्री स्वामीजी महाराज द्वारा किया गया यह गीतापाठ बहुत उपयोगी होगा। यह भी इसी  ( http://bit.ly/SampoornaGitapathSRAMSUKHDASJIM ) पते पर उपलब्ध है।]

हमलोगों को चाहिये कि इनका अधिक से अधिक लाभ लें और दूसरों को भी दें , महापुरुषों की वाणी के साथ- साथ स्वयं पाठ करें और दूसरों को भी प्रेरणा दें । ऐसे संत - महापुरुषों के साथ- साथ पाठ करनेसे बङा भारी लाभ होता है। 

गीताजी का अर्थ और रहस्य समझने के लिये श्री स्वामीजी महाराज की गीता साधक- संजीवनी ग्रंथ को ध्यान से , मन लगाकर पढें ।

सीताराम सीताराम

http://dungrdasram.blogspot.com/2020/01/blog-post.html