शनिवार, 21 नवंबर 2015

आज हम भगवानके हो गये। श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज।

                     ।।श्रीहरि।।

आज हम भगवानके हो गये।

-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज।

बालक जैसे माँ से दूर होना नहीं चाहता,ऐसे हम भगवानसे दूर होना न चाहें-इतनी बात हमारी चाहिये।हम उनसे दूर होना न चाहें।उनको याद करेंगे,उनका नाम लेंगे,भगवानके बिना हमारा मन नहीं लगेगा।

जैसे लड़की ससुरालकी हो जाती है और निरन्तर ससुरालकी ही रहती है,कोई अन्तर नहीं पड़ता,ऐसे हम निरन्तर भगवानके रहें।

(अगर हम सच्चे हृदयसे भगवानके हो जायेंगे तो लड़की और बालककी तरह भगवान हमारेको निरन्तर याद रहेंगे)।

ऐसी बातें जाननेके लिये श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजका

30/08/1994.518 बजेवाला प्रवचन सुनें।

http://dungrdasram.blogspot.com/

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