पता (-ठिकाना)-
श्रदेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके जीवनकी बातें जाननेके लिये यहाँ (इस पते) पर पढें- http://dungrdasram.blogspot.in/p/blog-page_94.html?m=1
इस जगतमें अगर संत-महात्मा नहीं होते, तो मैं समझता हूँ कि बिलकुल अन्धेरा रहता अन्धेरा(अज्ञान)। श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजीमहाराज की वाणी (06- "Bhakt aur Bhagwan-1" नामक प्रवचन) से...
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