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बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदास जी महाराज के श्रीमुख से चौपाइयों सहित "जय सियाराम" का संकीर्तन

श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदास जी महाराज के श्री मुख से चौपाइयों सहित

"जय सियाराम" का संकीर्तन-

जय सियाराम जय जय सियाराम।

जय सियाराम जय जय सियाराम।। टेर ।।

राम सदा सेवक रुचि राखी।

बेद पुरान संत (साधु) सुर साखी।।

अहह धन्य लछिमन बङभागी।

राम पदारबिंदु अनुरागी।।

बङभागी अंगद हनुमाना।

चरन कमल चापत बिधि नाना।।

सुनहु उमा ते लोग अभागी।

हरि तजि होहिं बिषय अनुरागी।।

गाइअ रामहि सुमिरिअ रामहि (गाइअ रामहि)।

संतत सुनिअ रामगुन ग्रामहि।।

नहिं कलि करम न भगति बिबेकू।

राम नाम अवलंबन एकू।। 
 
श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदास जी महाराज के श्री मुख से किये गये अनेक प्रकार के संकीर्तन यहाँ से प्राप्त करें- 
https://drive.google.com/drive/u/0/mobile/folders/1JCFwquzVZt2eD4GkSwbZo6UHcNfIaG5s/1RF9r_7FarkiDZymZWKyISk_wPek8ga-c/1-KpZAENkC4YJELNlF1srLkbWG1TE8Nll?usp=sharing&sort=13&direction=a