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इस जगतमें अगर संत-महात्मा नहीं होते, तो मैं समझता हूँ कि बिलकुल अन्धेरा रहता अन्धेरा(अज्ञान)। श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजीमहाराज की वाणी (06- "Bhakt aur Bhagwan-1" नामक प्रवचन) से...
रविवार, 27 अक्टूबर 2013
हरिःशरणम्( श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी आवाजमें)
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सोमवार, 21 अक्टूबर 2013
पहला गीता-पाठ इस पतेसे प्राप्त करें-
पहला गीता-पाठ इस पतेसे प्राप्त करें-
श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी आवाजमें दो प्रकारके
रिकोर्ड किये हुए गीता-पाठ उपलब्ध है।पहले गीता-पाठमें आगे श्री स्वामीजी
महाराज बोलते हैं और पीछे दूसरे लोग दोहराते हैं।
दूसरे प्रकारके गीता-पाठमें सिर्फ श्री स्वामीजी महाराज बोलते(पाठ करते) है।
महापुरुषोंकी वाणीके साथ पाठ करनेवालेको अचिन्त्य-लाभ होता है।
श्री स्वामीजी महाराजकी आवाज(वाणी)के साथ-साथ पाठ करके हम उनके
संगी(सत्संगी) बन जाते हैं।
गीताका प्रचार करनेवाला भगवानको अत्यन्त प्यारा होता है (गीता 18.68,69)।
इस प्रकार हम गीता-प्रचारमें सम्मिलित होकर भगवानके अत्यन्त प्यारे बन जाते हैं।
श्री स्वामीजी महाराजका कहना है कि जितने लोग एक साथ पाठ करते हैं,उतना
ही गुना अधिक लाभ होता है।जैसे,सौ लेग एक साथ बैठकर पाठ करते हैं तो
एक-एकको सौ-सौ गुना अधिक लाभ होगा अर्थात् एक जनेको सौ पाठ करनेका लाभ
होगा,दूसरे आदमीको भी सौ पाठ करनेका लाभ होगा और तीसरे आदमीको भी सौ पाठ
करनेका लाभ होगा।इस प्रकार हम महापुरुषोंके साथ एक पाठ करके सौ पाठ
करनेका लाभ ले लेते हैं।
इसके सिवा और भी अनेक लाभ है।....
पहला गीता-पाठ यहाँ(इस पते)से प्राप्त करें -
https://db.tt/umrsxMnU
शनिवार, 19 अक्टूबर 2013
पाँच श्लोक पाठ और आवाज (श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज )
।।श्रीहरि।।
पाँच श्लोक पाठ और आवाज
(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)।
श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज द्वारा शुरु करवाये हुए गीताजी(४/६-१०)के
पाँच श्लोकोंका उन्हीकी आवाजमें पाठ यहाँसे प्राप्त करें- https://db.tt/moa8XQh7
शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2013
नया आविष्कार(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)।
।।श्रीहरि:।।
नया आविष्कार-
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजने
सरल,श्रेष्ठ और जल्दी सिध्द
होनेवाले साधनका आविष्कार किया है-
भगवानमें अपनापन।
इसलिये एक बार सरल हृदयसे दृढतापूर्वक यह स्वीकार करलें कि
(१)मैं केवल भगवानका ही हूँ
(२)और(दूसरे) किसीका नहीं
(३)केवल भगवान ही मेरे अपने हैं तथा
(४)और(दूसरा) मेरा कोई नहीं है।
-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संगसे
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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
http://dungrdasram.blogspot.com/
खास काम
श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी रिकोर्डिंग वाणीसेे सत्संग करें और उनके गीता साधक-संजीवनी आदि ग्रंथ पढें-
https://db.tt/v4XtLpAr
यह ग्रंथ गीता-प्रेस गोरखपुरसे प्रकाशित हुआ है और इंटरनेट पर भी उपलब्ध है-
http://www.swamiramsukhdasji.org/
गुरुवार, 10 अक्टूबर 2013
शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2013
विशेष-प्रवचन-'श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज'।
।।श्रीहरि:।।
विशेष-प्रवचन।
'श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज'।
श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके विशेष कैसेटोंके ७१ सत्संग-प्रवचन चुने गये हैं।इनके नाम (विषय) भी लिखे हुए हैं और आवाज भी साफ है।
वो ७१ प्रवचन यहाँ(इस पते)से) प्राप्त करें-
http://db.tt/FzrlgTKe
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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
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