शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2013

नया आविष्कार(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)।

                    ।।श्रीहरि:।।

नया आविष्कार-

श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजने
सरल,श्रेष्ठ और जल्दी सिध्द
होनेवाले साधनका आविष्कार किया है-

भगवानमें अपनापन।

इसलिये एक बार सरल हृदयसे दृढतापूर्वक यह स्वीकार करलें कि

(१)मैं केवल भगवानका ही हूँ
(२)और(दूसरे) किसीका नहीं
(३)केवल भगवान ही मेरे अपने हैं तथा
(४)और(दूसरा) मेरा कोई नहीं है।

-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संगसे

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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
http://dungrdasram.blogspot.com/

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