इस जगतमें अगर संत-महात्मा नहीं होते, तो मैं समझता हूँ कि बिलकुल अन्धेरा रहता अन्धेरा(अज्ञान)। श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजीमहाराज की वाणी (06- "Bhakt aur Bhagwan-1" नामक प्रवचन) से...
शुक्रवार, 2 अगस्त 2013
श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजका सत्संग और गीता-पाठ,गीता-गान(सामूहिक आवृत्ति),गीता-माधुर्य,गीता-व्याख्या(करीब पैंतीस दिनोंका सेट),नानीबाईका माहेरा,भजन,कीर्तन तथा नित्य-स्तुति,गीता,सत्संग(-श्रध्देयस्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराजके71दिनोंका सत्संग-प्रवचन सेट),मानसमें नाम-वन्दना आदि आप यहाँके इस पतेसे प्राप्त करें
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