बुधवार, 28 अगस्त 2013

पता-नानीबाईका माहेरा (गायक- श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)|

                     ।।श्रीहरि:।।

नानीबाईका माहेरा।

गायक-

श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज।

कभी-कभी श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज भक्त नरसिंह(नरसीजी) मेहताका माहेरा सुनाते थे,जिसको लोग बड़े राजी होकर सुनते थे।

वो बड़ा रोचक,हास्यप्रद तथा भक्तिमय होता था।

यह काव्य मारवाड़ी भाषामें होते हुए भी अन्य भाषावालोंको भी बड़ा प्रिय है।

श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज इसको गाकर सुनाते और फिर हिन्दीभाषामें अर्थ भी बताते थे तथा साथ-साथ सत्संग भी कराते थे।

इस प्रकार वो बड़ा कीमती,रहस्यमय,आनन्ददायक,प्रेरणाप्रद और समझनेमें बड़ा सुगम था।

वो प्रोग्राम चार,पाँच या छः दिन तक चलता था।

यह रिकोर्डिंग छः दिनोंवाली है(जो कोलकातामें हुई थी)।

सुगमताके लिये इसकी अड़ताळीस फाइलें बनाई है और उनके नाम भी हिन्दीमें लिख दिये गये हैं।

इसमें साफ आवाजवाली सामग्रीका उपयोग किया गया है।

इसका नाम रखा है -'

"1@NANIBAIKA MAHERA -S.S.S.RAMSUKHDASJI MAAHARAJ@"

इसको यहाँ(इस पते)से प्राप्त करें- http://db.tt/mgMy966T

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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
http://dungrdasram.blogspot.com/

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