बुधवार, 14 अगस्त 2013

गीता-माधुर्य(की रिकोर्डिंगका पता-)[लेखक और स्वर (बोलनेवाले)-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज]।

गीता-माधुर्य

(की रिकोर्डिंगका पता-)

[लेखक और स्वर (बोलनेवाले)-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज]।-


रिकोर्डिंग पाठका  पता- http://db.tt/ylSe6rQi


श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजने प्रश्नोत्तर-शैलीमें गीताजी समझायी है।

उसमें श्लोकके अर्थसे से पहले प्रश्न लिखा है और उत्तरमें उस श्लोकका अर्थ लिखा है,जिससे गीताजी समझनेमें बड़ी सुगम और रुचिकर हो गई है।

इसका नाम है-'गीता-माधुर्य।

इसमें सिर्फ हिन्दी अर्थ है,संस्कृत श्लोक नही है,इसलिये कम पढे-लिखे मनुष्य भी इसको सुगमतासे समझ सकते हैं,वैसे यह बड़े-बड़े गीता-विशारदोंको भी सरलतासे गीताका रहस्य बताती है।

यह नित्य पाठ करने लायक है।

श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजकी आवाज(स्वर)में इसकी रिकोर्डिंग है[इसके कुछ श्लोक(१४/१-२७,१५/१-५) कट गये हैं,किसी सज्जनके पास हों तो सूचना दें,बड़ी सेवा हो जायेगी] 

महापुरुषोंकी वाणी(स्वर)का महत्त्व समझनेवालोंके लिये तथा गीता और वाणीके प्रेमीजनोंके लिये यह बड़े कामकी वस्तु है।


गीता-माधुर्य (की रिकोर्डिंग) यहाँ(इस पते)से प्राप्त करें- http://db.tt/ylSe6rQi


यह ग्रंथ गीता-प्रेस गोरखपुरसे प्रकाशित हुआ है और इंटरनेट पर भी उपलब्ध है-
http://www.swamiramsukhdasji.org/

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पता-
सत्संग-संतवाणी. 
श्रध्देय स्वामीजी श्री 
रामसुखदासजी महाराजका 
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें। 
http://dungrdasram.blogspot.com/



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