कारण शरीर का वर्णन करके श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराजने दि. 19900508_0830_Teeno Shariro Ki Sansar Se Ekta वाले प्रवचन में बढ़िया समझाया है।
इस जगतमें अगर संत-महात्मा नहीं होते, तो मैं समझता हूँ कि बिलकुल अन्धेरा रहता अन्धेरा(अज्ञान)। श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजीमहाराज की वाणी (06- "Bhakt aur Bhagwan-1" नामक प्रवचन) से...
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