लहसुन,प्याज और गाजरके विषयमें 'परम श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज'ने बताया है।
एक सज्जनने (समय कम होनेके कारण) बैठते ही (जल्दीसे) महाराजजीसे पूछा कि ये लहसुन-प्याज मना क्यों है? तब महाराजजीने संक्षेपमें जवाब दिया कि इनकी उत्पत्ति खराब (वस्तुसे हुई) है।लहसुनकी उत्पत्ति कुत्तेके नाखूनसे हुई है,प्याजकी उत्पत्ति कुत्तेके अण्डकोशसे हुई है और गाजरकी उत्पत्ति कुत्तेके शिश्नेन्द्रिय (मूत्रेन्द्रिय) से हुई है।
(इसलिये ये वर्जित है)।
प्याज,लहसुनतो कई जने सेवन नहीं करते,पर कई लोग गाजरका कर लेते हैं।लेकिन यह ठीक नहीं है;क्योंकि 'सेठजी श्री जयदयालजी गोयन्दका' गाजरका भी निषेध करते थे।
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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
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