दीन कहे धनवान सुखी, धनवान कहे सुख राजा को भारी।
राजा कहे महाराजा सुखी, महाराजा कहे सुख इन्द्र को भारी ।
इन्द्र कहे सुख चतुरानन को,
ब्रह्मा कहे सुख विष्णु को भारी....
तुलसीदास विचार कहे,
हरि भजन बिना सब जीव दुखारी
इस जगतमें अगर संत-महात्मा नहीं होते, तो मैं समझता हूँ कि बिलकुल अन्धेरा रहता अन्धेरा(अज्ञान)। श्रद्धेय स्वामीजी श्री रामसुखदासजीमहाराज की वाणी (06- "Bhakt aur Bhagwan-1" नामक प्रवचन) से...
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