।।श्रीहरि।।
सात बार सीता और कुन्तीमाताका नित्यप्रति नाम लेनेसे कन्याएँ श्रेष्ठ बन जाती हैं।
छौटी बच्चियों और लङकियोंके लिये
श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज
बताते थे कि छौटी बच्चियाँ अगर नित्यप्रति सात बार सीताजीका नाम
(1.सीतामाता 2.सीतामाता 3.सीतामाता 4.सीतामाता 5.सीतामाता 6.सीतामाता 7.सीतामाता)
लेवे (जपे)
और सात बार ही
कुन्तीमाताका नाम लेवे
(1.कुन्तीमाता 2.कुन्तीमाता 3.कुन्तीमाता 4.कुन्तीमाता 5.कुन्तीमाता 6.कुन्तीमाता 7.कुन्तीमाता
जपे)
तो वो बङी श्रेष्ठ बन जायेंगी,बङी पतिव्रता बन जायेंगी।
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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
http://dungrdasram.blogspot.com/
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