शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2015

मनसे एक बार रामनाम लेनेसे दसलाख रामनाम-जपका लाभ।

                       ॥श्रीहरि:॥

मनसे एक बार रामनाम लेनेसे
दसलाख रामनाम-जपका लाभ।

(श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज कहते हैं कि साथमें चलनेवाली पूँजी है- 'भगवानका नाम लेना'।

रामनाम पूँजी पल्ले बाँधरे मन्ना।
ध्रुव बाँधी प्रह्लाद बाँधी बाँधी जाट धन्ना॥
रामनाम पूँजी पल्ले बाँधरे मना)।

अधिक जाननेके लिये कृपया यह लेख पढें-

स्त्रियोंके लिये ॐनाम लेना मना नहीं है,जप करना ही मना है। http://dungrdasram.blogspot.com/2015/10/blog-post.html


सहसनाम सम सुनि सिव बानी।
जपि जेईं पिय संग भवानी॥…

(रामचरितमा.१।१९;)।

इस प्रकार भगवानके दूसरे नामोंकी अपेक्षा रामनाम हजारगुणा ज्यादा लाभदायक हुआ।

{विधियज्ञसे जपयज्ञ दसगुणा जादा लाभदायक होता है और उपांशुजप(जो होठोंसे किया जाता है,बाहर सुनायी नहीं देता) सौगुणा तथा मानसिकजप हजारगुणा ज्यादा लाभदायक होता है-मनुस्मृति }

वो(१०००-हजारगुणा) रामनाम मुखसे एक बार उच्चारण किया जाय तो (यह जपयज्ञ होनेके कारण) दसगुणा (१००००-दसहजारगुणा) ज्यादा लाभदायक होता है।

उस रामनामका उपांशु जप किया जाय अर्थात् बाहर सुनायी न देनेवाला मुखसे रामरामका उपांशुजप किया जाय तो सौगुणा(१०००००-लाखगुणा) ज्यादा लाभदायक होता है और

मनसे(मानसिक) एक बार रामनाम लिया जाय तो हजारगुणा(१००००००-दस लाखगुणा) ज्यादा लाभदायक होता है।

इस प्रकार यह सिध्द हुआ कि कोई एक बार मनसे रामनाम ले ले तो भगवानके दसलाख रामनाम आ गये (जो कि एक-एक रामनाम हजार भगवन्नमोंके बराबर हैं), अर्थात् एक बार रामका नाम मनसे ले लिया,तो दसलाख रामनामके जप हो गये।

भगवानके दूसरे नामोंका दसलाख बार जप करना और मनसे एक बार रामनाम लेना-इन दोनोंमेंसे एकबार  रामनाम लेना अधिक लाभदायक हुआ।

चाहे दसलाख बार भगवानके दूसरे नाम लो अथवा चाहे एक बार मनसे रामनाम लो,ये दोनों एक ही बात नहीं,अधिक लाभदायक बात हुई।

इसलिये एक बार मनसे रामनाम ले लो, दसलाख जप हो गये,दसलाख रामनाम होगये।

अब हिसाब करो कि जब एक रामनाम हजार भगवन्नामोंके समान है और वो रामनाम मनसे लेनेपर हजारगुणा हो जाता है, तो कितने भगन्नाम हो गये?

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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें। http://dungrdasram.blogspot.com/

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