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रविवार, 5 अक्तूबर 2014

ज्ञानगोष्ठीमें लगनवाले सामिल हो पायेंगे।

जो ज्ञान गोष्ठीमें सामिल होना चाहते हैं,कृपया वो स्वयं अपने नं.सहित प्रार्थना भेजें।उनकी लगनके अनुसार ही अब उनको सामिल कर पायेंगे,क्योंकि समूहकी संख्या सीमा (५०) तक पहँच गई है।अब तो जो इस समूहमें ज्यादा सक्रिय नहीं है,अथवा जिनकी लगन कम दिखायी देती  है,उनको हटाकर ही किसी ज्यादा लगनवालेको सामिल किया जा सकेगा।जो सदस्य इसका उपयोग नहीं करते,अथवा कम करते हैं,उनको भी हटानेका विचार है।असुविधाके क्षमा प्रार्थना।
सीताराम सीताराम

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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
http://dungrdasram.blogspot.com/