।।श्रीहरि।।
भजनके लिए प्रेरणा
(- श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज
के 19980311/1600 बजेवाले प्रवचनसे)।।
सज्जनों!मानवजीवन मिल गया है भगवानकी कृपासे,मनुष्यशरीर मिल गया,भाई हो चाहे बहन हो,अगाङी चलो फिर,पीछे पैर नहीं रखना है
(जैसे,सामनेसे तेज हवा आती है तो धूँआ पीछे आता है-लौटता है,पर अग्नि तो अगाङी ही चलती है) ।
...
दावानल बन दहत तब वायु सखा बन जात।
सोई दीप कृश देखिकै बैरी होत बिख्यात।।
श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराजके
19980311/1600 बजेवाले प्रवचनसे।।
http://dungrdasram.blogspot.com/
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें