सोमवार, 7 मार्च 2016

पण ये असर पङता रहे,तबतक सीखी हुई बातें है,बोध नहीं है-श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज।

                         ।।श्रीहरि।।

...
पण ये असर पङता रहे,तबतक सीखी हुई बातें है,बोध नहीं  है-

- श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज।

जिनको सीखे हुए ज्ञान  और वास्तविक  ज्ञानका अन्तर जानना हो,ज्ञान और प्रेम (भक्ति) का अन्तर जानना हो,मुक्ति और बन्धनका भेद जानना हो,मनुष्यजन्मका उध्देश्य जानना हो और साधू और वास्तविक साधू (अपनेको साधू,संत,ज्ञानी माननेवाले और असली सन्त)का अन्तर जानना हो तो उनको चाहिये कि

श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराजका 19940825_0518 (25-8-1994 प्रातः 5 बजे) वाला प्रवचन ध्यानसे सुनें।

http://dungrdasram.blogspot.com/

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें