शनिवार, 16 अप्रैल 2016

पाप-कर्म सबसे पहले छोड़ना आवश्यक- श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके विशेष प्रवचनसे |

                          ।।श्रीहरि।।

पाप-कर्म सबसे पहले छोड़ना आवश्यक

- श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके विशेष प्रवचनसे |

मुक्तिका क्रम-
1.निषिध्द(पाप)का त्याग 2.न्याय(अच्छा व्यवहार,आपसमॅ प्रेम हों आदि) 3.धर्म(शास्त्रविहित दान,पुण्य आदि)और 4.पारमार्थिक-बातें(जिससे जीवकी मुक्ति हो जाय)।

[इसलिये सबसे पहले पाप-कर्म तो छोङने ही चाहिये नहीं तो मुक्तिकी तरफ चलना शुरु ही नहीं हुआ]

-श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके विशेष प्रवचनसे |

http://dungrdasram.blogspot.com/

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें