बुधवार, 13 अगस्त 2014

क्या आजके दिन साधक-संजीवनीका लिखना शुरु हुआ था? कह, नहीं।इस दिन एक जिल्दमें छपकर आयीं थीं।

एक सज्जन लिखते हैं कि क्या साधक-संजीवनीका लिखना आजके दिन शुरु हुआ था? या आजके दिन समाप्ति हुई? या प्रकाशित हुई? कृपया मेरा अज्ञान दूर करें।

उत्तरमें निवेदन है कि-

गीताजीकी टीका साधक-संजीवनी जब (विक्रम संमत करीब २०४२ में) गीताप्रेससे एक जिल्दमें छप कर धौरेपर पहुँची थी (जहाँ इसके लेखक- श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज भी विराजमान थे),उस समय संतोंने  (गीताजीकी आरती आदिके द्वारा) उस 'साधक-संजीवनी' ग्रंथका सम्मान किया था,खुशी मनायी थी।

उस दिनको कई लोग साधक-संजीवनी  प्राकट्य दिवस कहने लग गये।

वैसे तो साधक-संजीवनी इससे पहले ही (दस खण्डोंमें) छप चूकी थी।अधिक जानना हो तो साधक-संजीवनी प्राक्कथन आदि पढें।
सीताराम सीताराम

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पता-
सत्संग-संतवाणी.
श्रध्देय स्वामीजी श्री
रामसुखदासजी महाराजका
साहित्य पढें और उनकी वाणी सुनें।
http://dungrdasram.blogspot.com/

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