॥श्रीहरिः॥
घरमें ही योगी
(-श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज)।
गीताके अनुसार चलने वाला घरमें ही योगी हो जाता है-
जोगी ताही जानिये जो गीता ही जान।
जोगी ताहि न जानिये जो गीता ही न जान॥
श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज के 19930716_0800_Bhakti Ki Mahima Seva वाले प्रवचन से ॥
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