गुरुवार, 4 अगस्त 2016

स्वाभाविक साधन कैसे हो? (-श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज)।

                     ॥श्रीहरिः॥

स्वाभाविक साधन कैसे हो?

(-श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज)।

श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज ने 19930715_0518_Asaadhan Ka Nash वाले प्रवचन में बताया कि साधकको असाधनके त्याग की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए।

असाधन मिटे बिना साधन निरन्तर नहीं होता और निरन्तर साधन हुए बिना सिद्धि नहीं मिलती।

(आजकल लोग साधन तो करते हैं पर असाधनके त्याग की तरफ विशेष ध्यान नहीं देते।अगर ध्यान दें तो (असाधनके त्याग से) साधन स्वतः होने लग जायेगा-)

...राग है,द्वेष है - ये हमारे असाधन है ।ये असाधन दूर हो तो फेर (फिर) साधन हो जायेगा।फिर साधन स्वतः होगा- 'स्वाभाविक साधन'।

 और स्वाभाविक साधन से ही सिद्धि होती है ।और स्वाभाविक साधन असाधनके मिटनेसे होगा।

श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज
(के 19930715_0518_Asaadhan Ka Nash वाले प्रवचन का अंश)।

विस्तार से जानने के लिए कृपया यह प्रवचन सुनें।

http://dungrdasram.blogspot.com/

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