॥श्रीहरिः॥
■□मंगलाचरण□■
(-श्रध्देय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज)।
यह मंगलाचरण
श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज
सत्संग-प्रवचन से पहले
(सत्संग के प्रारम्भ में)
किया करते थे--
पराकृतनमद्बन्धं
परं ब्रह्म नराकृति।
सौन्दर्यसार सर्वस्वं
वन्दे नन्दात्मजं महः॥
प्रपन्नपारिजाताय
तोत्त्रवेत्रैकपाणये।
ज्ञानमुद्राय कृष्णाय
गीतामृत दुहे नमः॥
वसुदेवसुतं देवं
कंस चाणूरमर्दनम्।
देवकी परमानन्दं
कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥
वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात्
पीताम्बरादरुणबिम्बफलाधरोष्ठात्।
पूर्णेन्दुसुन्दरमुखादरविन्दनेत्रात्
कृष्णात्परंकिमपि तत्त्वमहं न जाने॥
हरिओम नमोऽस्तु परमात्मने नमः,
श्रीगोविन्दाय नमो नमः,
श्री गुरुचरणकमलेभ्यो नमः,
महात्मभ्यो नमः,
सर्वेभ्यो नमो नमः,
नारायण नारायण
नारायण नारायण
http://dungrdasram.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें