शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

'नानीबाईका माहेरा' (गानेवाले- श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज ,साफ आवाज वाला ४८ फाइलोंमें )|


नानीबाईका माहेरा (गायक- श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज)|

कभी-कभी श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज भक्त नरसिंह(नरसीजी) मेहताका माहेरा सुनाते थे,जिसको लोग बड़े राजी होकर सुनते थे|वो बड़ा रोचक,हास्यप्रद तथा भक्तिमय होता था|यह काव्य मारवाड़ी भाषामें होते हुए भी अन्य भाषावालोंको भी बड़ा प्रिय है| श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराज इसको गाकर सुनाते और फिर हिन्दीभाषामें अर्थ भी बताते थे तथा साथ-साथ सत्संग भी कराते थे|इस प्रकार वो बड़ा कीमती,रहस्यमय,आनन्ददायक,प्रेरणाप्रद और समझनेमें बड़ा सुगम था|वो प्रोग्राम चार,पाँच या छः दिन तक चलता था|यह रिकोर्डिंग छः दिनोंवाली है(जो कोलकातामें हुई थी)|सुगमताके लिये इसकी अड़ताळीस फाइलें बनाई है और उनके नाम भी हिन्दीमें लिख दिये गये हैं|इसमें साफ आवाजवाली सामग्रीका उपयोग किया गया है|इसका नाम रखा है -' 1@NANIBAIKA MAHERA -S.S.S.RAMSUKHDASJI MAAHARAJ@'

इसको यहाँ(इस पते)से प्राप्त करें- http://db.tt/mgMy966T

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