शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

अनुभवका उपाय-व्याकुलता- -परम श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संग-प्रवचन(१९९५०५२९/८.३०बजे) से

अनुभवका उपाय-व्याकुलता- -परम श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संग-प्रवचन(१९९५०५२९/८.३०बजे) से

दि.२९/५/१९९५;८.३०बजे का सत्संग
अनुभव(कि मैं शरीर नहीं हूँ) न हो जाय, तब तक मैं दूसरा काम (खाना,पीना सोना आदि)नहीं करूंगा

([तो]चट हो जायेगा)|

खाना,पीना नींद छोड़नेसे कुछ नहीं होगा; आप समझे कि नहीं?

- परम श्रध्देय स्वामीजी श्री रामसुखदासजी महाराजके सत्संग-प्रवचन(29-5-1995-१९९५०५२९/८.३०बजे) से

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